Hamara Hathras

05/10/2024 8:22 am

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सादाबाद 27 सितंबर । एक बार फिर 8 वर्ष बाद कुरसंडा क्षेत्र में हिंसक जानवर की दहशत देखने को मिल रही है। जिसके चलते ग्रामीणों में भय व्याप्त है हालांकि सूचना वन विभाग को दे दी गई है। सूचना के बाद वन विभाग की टीम द्वारा जानवर के पंजों के निशान नोटिस में ले गए टीम द्वारा सघन रूप से पड़ताल की जा रही है। पिछले दिनों भयंकर बरसात होने के कारण जंगलों में पानी भर जाने की वजह से जंगली जानवर खेतों की तरफ दौड़ रहे हैं उत्तर प्रदेश के अधिकतर हिस्से में लकड़बग्घा, लोमड़ी भेड़िया आदि जानवरों के केस निकलकर सामने आ रहे हैं इसी प्रकार 8 वर्ष पहले कुरसंडा क्षेत्र में तेंदुआ आया था जिसे वाइल्ड लाइफ की टीम द्वारा पकड़ा गया था। 8 वर्ष बाद उन्हें चीते जैसा जानवर खेतों पर काम करने वाले किसानों ने देखा है।जिसको लेकर खेतों पर काम करने वाले किसानों में भय व्याप्त हो गया है। पिछले तीन दिन से लगातार चीता जैसा जानवर आने की चर्चा बनी हुई है क्षेत्र के गांव दगसह, अनगदा के रास्ते के बीच में ग्रामीणों ने देखा। भय का वातावरण बना होने की वजह से वह खेतों पर नहीं जा पा रहे हैं। ग्रामीणों द्वारा बंद हुआ की टीम को सूचना दी गई जिसके तहत वन विभाग की टीम द्वारा लगातार ग्रामीणों के द्वारा बताई गई चीते जैसे जानवर की सर्चिंग की जा रही है टीम द्वारा जानवर के पंजों के निशान मिले हैं उसके मुताबिक चीता नहीं है क्योंकि चीता और उसकी प्रजाति के जानवरों के नाखून होते हैं लेकिन जो निशान जमीन पर मिले हैं, उसमें कहीं भी नाखून नहीं दिखाई दिया जिसके तहत कोई छोटा जंगली जानवर बताया जा रहा है। हाथरस रेंज के वन अधिकारी अमित मोहन गौड ने जानकारी देते हुए बताया कि सूचना के आधार पर वह तथा उनकी टीम मौके पर स्थलीय निरीक्षण के लिए पहुंची थी, जंगली जानवर के पंजों के निशान प्राप्त हुए हैं। लेकिन ग्रामीण चीता बता रहे हैं वह चीता न होकर छोटा जंगली जानवर है फिर भी तलाश जारी है टीम लगी हुई है।

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