Hamara Hathras

03/10/2024 9:25 pm

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लाखों-करोड़ों लोगों के आस्‍था के केंद्र तिरुपति तिरुमला मंदिर को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। प्रसिद्ध मंदिर में मिलने वाले लड्डू में मिलावट की बात सामने आई है। तिरुपति बालाजी के प्रसाद लड्डू में चर्बी की मिलावट आस्थावान श्रद्धालुओं के प्रति किसी गंभीर अपराध से कम नहीं है। बालाजी के प्रति देश भर में आस्थावान हिंदुओं में अगाध विश्वास है। लड्डू बनाने में मछली के तेल और दूसरे एनिमल फैट का इस्तेमाल किए जाने के आरोप चंद्रबाबा नायडू ने लगाया था। उन्होंने ये भी कहा था कि उनकी सरकार बनने पर इसकी जांच कराई जाएगी। सुबह लड्डुओं के नमूने नेशनल डेयरी डेवलप ब्यूरो की लैबोरेटरी में भेजा गया। शाम को रिपोर्ट में आया कि लड्डुओं में मिलावट की जा रही है। खासतौर से मछली के तेल में लड्डू बनाए जाने की बात सामने आई। ये बहुत अधिक चिंताजनक है। अभी भी देश में हिंदुओं के एक वर्ग ऐसा है जो निरामिस भोजन ही करते हैं। वे किसी भी तरह से मांस नहीं खाते। ऐसे भी बहुत सारे लोग है जो उस दुकान में नहीं जाते जहां अंडे जैसी चीज भी बिक रही होती है। ऐसे लोगो के लिए ये बहुत अधिक कष्टप्रद बात होगी कि उन्हें प्रसाद के तौर पर जानवरों की चर्बी में बने लड्डू खिलाए गए। उन्होंने ये लड्डू श्रद्धा के साथ खाए होंगे। ध्यान रखने वाली बात है कि ये मंदिर तिरुमाला तिरुपति देवास्थानम ट्रस्ट की ओर से चलाया जाता है। इस ट्रस्ट में सरकारी अधिकारी भी होते हैं। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने सुबह ये आरोप लगाया था कि वाइएसआर की सरकार ने मंदिर के लड्डू बनाने में घटिया समाग्री का प्रयोग किया साथ ही लड्डुओं को जानवरों की चर्बी में पकाया गया था। सुबह मुख्यमंत्री के बयान पर वाइएसआर की ओर से तीखी प्रतिक्रिया की गई थी. लेकिन लैबोरेटरी से जांच के बाद इसकी पुष्टि होना बताया गया।

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