अकादमी की शास्त्रीय संगीत प्रतियोगिता ने गुंजायमान हुआ काका हाथरसी स्मारक भवन, काका हाथरसी...
हाथरस 09 नवंबर | उ.प्र.संगीत नाटक अकादमी लखनऊ की डॉ. राजेंद्र कृष्ण संगीत महाविद्यालय मथुरा के सहयोग से प्रदेश के 8 से 25 आयु...
काका हाथरसी स्मारक सभागार में आयोजित हुआ कवि सम्मेलन, काव्य के माध्यम से कवियों...
हाथरस 09 नवंबर | हाथरस काकी मार्ग स्थित काका हाथरसी स्मारक सभागार में आयोजित कवि सम्मेलन में काका हाथरसी को याद किया गया ।...
सुरजीत मान जलईया सिंह की नई रचना ” प्रधान ”
पीठ पीछे जानता है
क्या क्या कहते लोग हैं?
सामने आता नहीं है
कोई भी रघुराज के।
जीतकर आया प्रधानी
रोब थानेदार का।
रोज दुगना बढ़ रहा है...
अवशेष मानवतावादी का गीत – फिर भी ईश्वर के होने का होता है अहसास
ना तो कोई भी सबूत है
ना गवाह है पास।
फिर ईश्वर भी के होने का
होता है अहसास।।
तोड़ तोड़कर कण को हमने कण कण में तोड़ा।
फिर...
शिव कुमार ‘दीपक’ की बाल रचना
झूला लेकर आया सावन ।
हरियाली ले वर्षा आयी ।
बच्चों ने ली मन अंगड़ाई ।।
दादुर पपिहा नाचे मोर ।
काली कोयल करे कनकोर ।।
धानी चूँदर...
अकबर सिंह अकेला की एक कविता –
वर्षा झमझम हो रही,
मौसम भी परवान।
हवा निराली चल रही,
पंछी गाउत गान।।
दिन में अँधियारी झुकी,
बिल्कुल रात समान।
लुका छिपी बदरा करें,
सूरज अंतर ध्यान।।
सांय काल में लग...
यशोधरा यादव ‘यशो’का एक नवगीत
लेखनी कुछ गीत लिख
दुःखित जन को प्रीति लिख .
कामनाओं की लता जब पुष्प से सज्जित हुई
यंत्रवत कर्मों से हटकर
प्रीति प्रतिबिम्बत हुई
छंद के...
कु० राखी सिंह शब्दिता की गजल
ग़ज़ल
तुमको भी मुहब्बत है बता क्यूं नहीं देते ।
रस्मों को वफ़ाओं की निभा क्यूं नहीं देते ।।
हंसकर के मुझे देते हैं वो दर्दे- जुदाई...
शिव कुमार ‘दीपक’ की कुंडलियां
पानी की महिमा बड़ी , पानी जग का सार ।
समझो वह बेकार है , जो ना पानीदार ।।
जो ना पानीदार ,नदी,नल,सर, तरु,जलधर ।
करें नही...
‘आह का अनुवाद’ गीतकार – इन्द्रपाल सिंह “इन्द्र”
------आह का अनुवाद-----
अश्रु की गंगा नयन से पीर ने जब-जब उतारी,
याद आती है तुम्हारी....याद आती है तुम्हारी....
मौन साधा है अधर ने पूर्ण है पर...