
हाथरस 09 दिसम्बर । सादाबाद के प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज के बाद हुई छत्तीसगढ़ पुलिस के सिपाही महाराज सिंह की मौत के मामला अभी थम नहीं रहा है। आज मृतक के पिता, भाई एवं परिजनों ने प्रेस वार्ता करते हुए घटना के बारे में जानकारी दी और अस्पताल, डॉक्टरों पर गंभीर आरोप लगाए।
परिजनों के अनुसार 20 से 23 नवंबर 2025 के बीच महाराज सिंह का उपचार सादाबाद के निजी अस्पताल में किया गया, जहां महाराज सिंह की तबीयत ठीक होने के बजाय और बिगड़ती चली गई तो परिजन उन्हें उपचार के लिए आगरा ले गये जहां उनकी मृत्यु हो गई। आरोप है कि अस्पताल में आईवी फ्ल्यूड, पैथोलॉजी, मेडिकल स्टोर, इमरजेंसी ट्रीटमेंट सहित कई सुविधाएँ बिना वैध लाइसेंस के चलाई जा रही थीं। मरीज की गंभीर स्थिति के बावजूद आवश्यक मॉनिटरिंग, ऑक्सीजन, औजार एवं विशेषज्ञ उपचार नहीं प्रदान किया गया। जो मरीज की मौत का कारण रहा। परिजनों ने जांच रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि मरीज की मेडिकल रिपोर्टों में टीएलसी, प्लेटलेट्स व अन्य पैरामीटर्स बार-बार फर्जी तरीके से बदले गए। यह चिकित्सा रिकॉर्ड में हेराफेरी और दस्तावेज़ों से छेड़छाड़ का प्रमाण है। परिजनों ने आरोप लगाया कि लिखित शिकायत देने के बावजूद सादाबाद थाना ने एफआईआर दर्ज नहीं की और स्वास्थ्य विभाग के जांच अधिकारी ने मामले को गंभीरता से न लेते हुए अस्पताल को क्लीन चिट दे दी। यह पीड़ितों के साथ अन्यायपूर्ण व्यवहार और प्रभावशाली व्यक्तियों को संरक्षण देने का उदाहरण है। परिजनों ने मांग की अस्पताल संचालक चिकित्सकों के खिलाफ एफआईआर और जांच अधिकारी का निलंबन हो। अस्पताल, पैथोलॉजी, मेडिकल स्टोर और स्टाफ की पूरी लाइसेंस व योग्यता जांच होनी चाहिए। सुनवाई न होने पर पीड़ित परिवार ने जलसमाधि लेने की चेतावनी दी है।












