
लखनऊ 14 नवंबर । राजधानी लखनऊ में मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने पावर कॉर्पोरेशन प्रबंधन के 11 महीने के प्रयास के बाद शनिवार, 15 नवंबर से नया वर्टिकल सिस्टम लागू कर दिया। इस नई व्यवस्था के तहत उपभोक्ताओं को एसडीओ या एक्सईएन कार्यालय जाने की आवश्यकता नहीं होगी। इसके चलते गलत बिजली बिल का संशोधन सात दिन में और नए कनेक्शन केवल दस दिन में मिल सकेगा, बशर्ते कनेक्शन स्थल घर या दुकान से 40 मीटर के भीतर हो। इसके लिए नई लाइन या ट्रांसफार्मर लगाने की जरूरत नहीं है।वर्टिकल सिस्टम लागू होने से पहले, निगम के निदेशक (वाणिज्य) योगेश कुमार और निदेशक (तकनीकी) हरीश बंसल ने राजधानी के अमौसी, लखनऊ मध्य, जानकीपुरम और गोमतीनगर जोन में खुलने वाले वर्टिकल कार्यालयों का दौरा किया और तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने कर्मियों को सेवाओं को समय पर पूरा करने के निर्देश भी दिए। उपभोक्ताओं को अब किसी भी गलत बिल की शिकायत दर्ज कराने के लिए टोल-फ्री नंबर 1912, एप “SEVI”, चैट बॉक्स 8010924203 या अपने नजदीकी हेल्प डेस्क का उपयोग करना होगा। हेल्प डेस्क शिकायत दर्ज कर पंजीकरण नंबर मुहैया कराएगा और बिल संशोधन का मेमो ब्रिम लिंक के माध्यम से उपभोक्ता तक पहुंचेगा, जिससे बिल की स्थिति सीधे जाँची जा सकेगी। वर्टिकल सिस्टम में सेवाओं के संचालन की जिम्मेदारी अधीक्षण अभियंता (वाणिज्य) और अधीक्षण अभियंता (तकनीकी) को दी गई है। अधीक्षण अभियंता (वाणिज्य) नए कनेक्शन, बिल वसूली और उपभोक्ता सेवाओं की देखरेख करेंगे, जबकि अधीक्षण अभियंता (तकनीकी) निर्बाध बिजली आपूर्ति और लाइन/फॉल्ट सुधार की जिम्मेदारी संभालेंगे। इनके काम में मुख्य अभियंता के मार्गदर्शन में अधिशासी, सहायक और अवर अभियंता सहयोग करेंगे। मध्यांचल निगम के निदेशक (वाणिज्य) योगेश कुमार के अनुसार, वर्टिकल सिस्टम लागू होने से बिजली सेवाओं में पारदर्शिता और तेजी आएगी और उपभोक्ताओं को लंबी लाइनों में इंतजार नहीं करना पड़ेगा।














